The Special Teacher
REET 2025

REET 2025: राजस्थान शिक्षक भर्ती परीक्षा की विस्तृत जानकारी

राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक बनने का सपना देखने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर आने वाला है। राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) 2025 की तिथि जल्द ही घोषित होने वाली है, और राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने यह जानकारी दी है कि यह परीक्षा 20 जनवरी 2025 के आसपास आयोजित की जाएगी। प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक शिक्षक पदों पर भर्ती की जाएगी। यह कदम राज्य में शिक्षण के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधारने और सरकारी विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

REET परीक्षा का महत्व

REET, राजस्थान में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक योग्यता परीक्षा है। इस परीक्षा के माध्यम से राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। परीक्षा के दो स्तर होते हैं:

  • लेवल 1: प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 1 से 5 तक)
  • लेवल 2: उच्च प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 6 से 8 तक)

राजस्थान के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सरकारी विद्यालयों में अध्यापक बनने के इच्छुक लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में सम्मिलित होते हैं। REET परीक्षा का सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होना सरकारी शिक्षक बनने के लिए एक अनिवार्य शर्त है।

REET 2025: तिथि और आवेदन प्रक्रिया

शिक्षामंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, REET 2025 की परीक्षा 20 जनवरी के आसपास आयोजित होगी। हालांकि, तिथि की अंतिम पुष्टि जल्द ही की जाएगी। परीक्षा की तिथि को ध्यान में रखते हुए अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी तैयारी को अंतिम चरण में पहुँचाएं और साथ ही आवेदन प्रक्रिया पर भी ध्यान दें। आवेदन प्रक्रिया जल्द ही REET की आधिकारिक वेबसाइट पर शुरू होगी।

परीक्षा शुल्क में राहत

अभ्यर्थियों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि इस बार REET 2025 के परीक्षा शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। यह निर्णय सरकार द्वारा अभ्यर्थियों को आर्थिक रूप से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे पहले की परीक्षा में भी अभ्यर्थियों को परीक्षा शुल्क के रूप में एक निश्चित राशि जमा करनी पड़ती थी, और इस बार कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया है। यह निर्णय छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि किसी भी आर्थिक कठिनाई के कारण कोई भी योग्य अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित न रहे।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षा का आयोजन

इस बार REET परीक्षा का आयोजन राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) द्वारा किया जाएगा। इस जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने परीक्षा आयोजन की सभी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। राजस्थान बोर्ड ने पहले भी कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया है, और इस बार भी REET परीक्षा का सुचारू और पारदर्शी रूप से संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। परीक्षा केंद्रों का चयन, प्रश्नपत्र का निर्माण, और परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया को पहले से ही योजनाबद्ध तरीके से तैयार किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

परीक्षा केंद्रों में बदलाव नहीं

परीक्षा केंद्रों के संबंध में शिक्षा विभाग ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। REET 2025 के लिए परीक्षा केंद्रों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि अभ्यर्थियों को पहले से चुने गए परीक्षा केंद्रों में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इससे अभ्यर्थियों को अपने चुने हुए स्थान पर परीक्षा देने का लाभ मिलेगा, और उन्हें लंबी यात्रा करने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।

REET 2022 और REET 2025: प्रतियोगिता और आंकड़े

पिछले वर्ष REET 2022 में 15,66,992 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 13,86,083 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। इन में से लगभग 11,55,940 अभ्यर्थियों ने परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया था। यह आंकड़ा REET परीक्षा की व्यापकता और इसके प्रति छात्रों की गंभीरता को दर्शाता है।

इस बार REET 2025 में भी 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन करने की उम्मीद की जा रही है। इतनी बड़ी संख्या में आवेदन के कारण प्रतियोगिता का स्तर बहुत ऊंचा रहेगा, और इससे परीक्षा उत्तीर्ण करना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

REET 2022 के दौरान तीसरी श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में लेवल 1 से 19,515 और लेवल 2 से 55,550 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। इस बार की परीक्षा में भी इसी प्रकार से योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा, और उन्हें राज्य के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में नियुक्ति दी जाएगी।

REET परीक्षा का ढांचा और पाठ्यक्रम

REET परीक्षा में दो स्तर होते हैं:

  • लेवल 1: कक्षा 1 से 5 तक के लिए शिक्षक बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए।
  • लेवल 2: कक्षा 6 से 8 तक के लिए शिक्षक बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए।

REET 2025 परीक्षा में कुल 150 अंक होंगे, जिसमें 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा का उद्देश्य अभ्यर्थियों की शैक्षणिक और व्यावहारिक योग्यता की जांच करना है। परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न जल्द ही REET की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगा, जहां से अभ्यर्थी इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

REET 2025 के लिए आवश्यक तैयारी और दिशा-निर्देश

REET 2025 में सफल होने के लिए अभ्यर्थियों को रणनीतिक रूप से अपनी तैयारी करनी चाहिए। चूंकि परीक्षा का स्तर उच्च होने की उम्मीद है, अभ्यर्थियों को शैक्षणिक सामग्री और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का गहन अध्ययन करना चाहिए। इसके साथ ही, समय प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि परीक्षा के दौरान सभी प्रश्नों को हल करने में कठिनाई न हो।

REET 2025: भर्ती प्रक्रिया और आगामी अधिसूचनाएँ

REET 2025 के माध्यम से शिक्षक पदों पर भर्ती की जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया से प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं को सरकारी शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा। यह भर्ती न केवल राज्य के शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करेगी, बल्कि शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के लिए एक उज्जवल भविष्य का रास्ता खोलेगी।

अभ्यर्थियों के लिए यह आवश्यक है कि वे नियमित रूप से REET की आधिकारिक वेबसाइट पर नज़र रखें, क्योंकि जल्द ही आवेदन प्रक्रिया और पात्रता मानदंडों से जुड़ी अधिसूचनाएँ जारी की जाएंगी।

REET 2025: सफलता के टिप्स

अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी तैयारी संगठित हो और वे नियमित रूप से रिवीजन करते रहें। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अध्ययन, मॉक टेस्ट का अभ्यास, और विषयों की गहराई से समझ परीक्षा में सफलता दिलाने के महत्वपूर्ण घटक होंगे।

अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी तैयारी को मजबूत करें, सही दिशा में मेहनत करें, और समय पर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें। साथ ही, नवीनतम सूचनाओं के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नज़र बनाए रखें ताकि कोई महत्वपूर्ण जानकारी छूट न जाए।


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Special Education

The Rights of Persons with Disabilities (RPwD) Act, 2016, expanded the scope of disabilities from the previous 7 to 21, ensuring broader recognition and protection of rights for people with diverse disabilities. Below are the 21 disabilities covered under the Act:

  1. Blindness
    Complete loss of sight, making the person unable to see, requiring support and accommodation in daily life and work.
  2. Low Vision
    Significant impairment of visual function that cannot be corrected with standard glasses or contact lenses, but the person still has partial vision.
  3. Leprosy Cured Persons
    Individuals cured of leprosy but still suffering from:
    • Loss of sensation in hands or feet,
    • Deformity and damage that limits movement,
    • Visual impairment or other serious disabilities caused by leprosy.
  4. Hearing Impairment (Deaf and Hard of Hearing)
    Includes individuals with profound hearing loss (deaf) or partial hearing loss (hard of hearing), impacting communication and day-to-day activities.
  5. Locomotor Disability
    Disability affecting a person’s ability to move, including paralysis or the loss of a limb, restricting mobility and physical independence.
  6. Dwarfism
    A genetic or medical condition leading to short stature (height), typically below 4 feet 10 inches in adults, affecting body proportions and overall health.
  7. Intellectual Disability
    Significant limitations in intellectual functioning and adaptive behavior, which includes everyday social and practical skills, generally emerging before adulthood.
  8. Mental Illness
    Any disorder involving the mind, such as depression, bipolar disorder, schizophrenia, that substantially impairs a person’s judgment, behavior, and ability to function in daily life.
  9. Autism Spectrum Disorder
    A developmental disorder affecting communication, behavior, and interaction with the world, with a wide range of symptoms and degrees of impairment.
  10. Cerebral Palsy
    A group of disorders that affect movement and muscle coordination, often due to brain damage before or at birth, causing varying degrees of physical disability.
  11. Muscular Dystrophy
    A group of genetic disorders causing progressive weakness and degeneration of muscles, affecting movement and leading to severe disability over time.
  12. Chronic Neurological Conditions
    Disorders of the nervous system that persist over time, including diseases like epilepsy, Parkinson’s disease, and multiple sclerosis.
  13. Specific Learning Disabilities
    Neurodevelopmental disorders that affect the ability to read, write, and do mathematical calculations, such as dyslexia, dysgraphia, and dyscalculia.
  14. Multiple Sclerosis
    A chronic autoimmune disorder where the body’s immune system attacks the central nervous system, leading to a wide range of neurological symptoms and disabilities.
  15. Speech and Language Disability
    A communication disorder that limits a person’s ability to speak or use language properly, impacting both verbal expression and comprehension.
  16. Thalassemia
    A hereditary blood disorder characterized by abnormal hemoglobin production, leading to anemia and other health complications requiring regular treatment.
  17. Hemophilia
    A genetic disorder causing a deficiency in the blood’s ability to clot properly, resulting in excessive bleeding from injuries and spontaneous bleeding episodes.
  18. Sickle Cell Disease
    A group of inherited red blood cell disorders that cause cells to become misshapen and break down, leading to chronic pain and health complications.
  19. Multiple Disabilities including Deafblindness
    A combination of two or more disabilities, such as deafblindness (both hearing and vision impairment), leading to severe communication and learning challenges.
  20. Acid Attack Victims
    Persons who have suffered physical and emotional trauma from acid attacks, resulting in disfigurement and lasting medical and psychological challenges.
  21. Parkinson’s Disease
    A degenerative neurological condition that primarily affects movement, causing tremors, rigidity, and other motor control difficulties.

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BSSTET 2023

बिहार राज्य मे विशेष शिक्षकों की भर्ती करने के लिए बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा ली गई थी। इसे BSSTET के नाम से भी जाना जाता है। 23 और 24 फरवरी को बिहार के मूलनिवासियों समेत देश के कई राज्यों से हजारों की तादाद मे विशेष शिक्षक बनने की योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों ने बिहार मे जाकर यह परीक्षा दी।

पहले इस परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी कर दी गई थी। आज 30 जुलाई 2024 को इस परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है। जिसे आप बोर्ड द्वारा जारी पोर्टल पर अपनी आवेदन संख्या और जन्म दिनांक के द्वारा लॉगिन कर देख सकते हैं। जैसे ही बोर्ड ने परिणाम जारी किया है वैसे ही सभी अभ्यर्थियों को कुछ प्रश्नों का उत्तर जानने की बड़ी उत्सुकता हो रही है। यह प्रश्न निम्न हैं-

  • बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 में अभ्यर्थीयों का केटेगरी वाइज़ और कोर्स वाइज़ स्कोर कितना है?
  • बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 मे कुल कितने अभ्यर्थी पास हो रहे हैं ?
  • बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 में बिहार के कुल कितने अभ्यर्थी हैं?
  • अगर बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 से ही मेरिट बनती है तो केटेगरी वाइज़ काम्पिटिशन कितना रह सकता है?

आप सभी के इन्ही प्रश्नों का उत्तर देने के लिए मैं गुरविन्द्र पाल शर्मा, THE SPECIAL TEACHER के Youtube, Telegram, Whatsapp Channel और www.thespecialteacher.in वेबसाईट के माध्यम से एक सर्वे कर रहा हूँ। इस सर्वे से हमारे पास उन सभी अभ्यर्थियों की जानकारी एकत्रित हो जाएगी जो जो इस परीक्षा मे शामिल हैं। इसी जानकारी को एक पीडीएफ़ या विडिओ के जरिए आप सभी के साथ शेयर कर दिया जाएगा। इसलिए मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ की आप सभी इस सर्वे मे भाग लें। इस सर्वे मे भाग आप नीचे दिए फॉर्म मे अपनी जानकारी दर्ज कर ले सकते हैं।

मुझे पूरी उम्मीद है की आप जो भी जानकारी इस सर्वे मे दर्ज करेंगे वो बिल्कुल सच होगी।

BSSTET 2023 SCORE AFTER RESULT

नोट- आप इस फॉर्म को भरने के बाद अपने सभी साथियों तक पहुँच दें।

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Paper 1 Introduction to Disabilities, Special Education Full Forms

In this article you will see all the Special Education Full Forms realted to Paper Number 1 Introduction to Disabilities. This is common paper for D.ED. HI, D.ED. VI, and D.ED. IDD. As Special Education Full Forms are very important in D.Ed. Special Education main exams so you must learn this.

Unit 1: Understanding Disability

  1. PWDs – Persons with Disabilities
  2. IDA – International Disability Alliance
  3. UNESCO – United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization
  4. UNICEF – United Nations International Children’s Emergency Fund
  5. UNDP – United Nations Development Programme
  6. WHO – World Health Organization
  7. UNCRPD – United Nations Convention on the Rights of Persons with Disabilities
  8. MDGs – Millennium Development Goals
  9. SDGs – Sustainable Development Goals
  10. AYJNISHD – Ali Yavar Jung National Institute of Speech and Hearing Disabilities
  11. ISLRTC – Indian Sign Language Research and Training Center
  12. NIEPID – National Institute for the Empowerment of Persons with Intellectual Disabilities
  13. NIEPMD – National Institute for Empowerment of Persons with Multiple Disabilities
  14. NIEPVD – National Institute for the Empowerment of Persons with Visual Disabilities
  15. NILD – National Institute of Locomotor Disabilities
  16. NIMHR – National Institute of Mental Health Rehabilitation
  17. PDUNIPPD – Pt. Deendayal Upadhyaya National Institute for Persons with Physical Disabilities
  18. SVNIRTAR – Swami Vivekanand National Institute of Rehabilitation Training and Research
  19. ICT – Information and Communication Technology
  20. ECEC – Early Childhood Education and Care
  21. RPWD – Rights of Persons with Disabilities
  22. NEP – National Education Policy
  23. CP – Cerebral Palsy
  24. MD – Multiple Disabilities
  25. ID – Intellectual Disability
  26. SLD – Specific Learning Disabilities
  27. ASD – Autism Spectrum Disorder
  28. MI – Mental Illness
  29. LD – Locomotor Disability
  30. VI – Visual Impairment
  31. HI – Hearing Impairment
  32. S&LD – Speech and Language Disorder
  33. DB – Deaf-blindness
  34. MND – Motor neuron disease
  35. NC – Neurological Conditions
  36. BD – Blood Disorders
  37. EI – Early Intervention
  38. DCS – Disability Certification Scheme
  39. NHFDC – National Handicapped Finance and Development Corporation
  40. NHRC – National Human Rights Commission
  41. RRTC – Regional Resource and Training Centre
  42. SARTHAC – Scheme for Awareness, Rehabilitation and Training on Health, Assistance and Community
  43. ADIP – Assistance to Disabled Persons for Purchase/Fitting of Aids and Appliances
  44. UGC – University Grants Commission
  45. AICTE – All India Council for Technical Education
  46. NCERT – National Council of Educational Research and Training
  47. NCTE – National Council for Teacher Education
  48. IISc – Indian Institute of Science
  49. IIT – Indian Institute of Technology
  50. IIM – Indian Institute of Management

Unit 2: Definition, Causes & Prevention, Types, Educational Implication, and Management of

  • OH – Orthopedic Handicap
  • CPD – Cerebral Palsy Disorder
  • MDP – Muscular Dystrophy Disorder
  • SSS – Special School Services
  • TBI – Traumatic Brain Injury
  • SALT – Speech and Language Therapy
  • AAC – Augmentative and Alternative Communication
  • OT – Occupational Therapy
  • PT – Physical Therapy
  • ADL – Activities of Daily Living
  • IEP – Individualized Education Program
  • IFSP – Individualized Family Service Plan
  • BIP – Behavior Intervention Plan
  • LRE – Least Restrictive Environment
  • FAPE – Free Appropriate Public Education
  • CBR – Community Based Rehabilitation
  • IE – Inclusive Education
  • SES – Socio-Economic Status
  • ECE – Early Childhood Education
  • PPE – Personal Protective Equipment
  • ATS – Assistive Technology Services
  • SSI – Supplemental Security Income
  • SSDI – Social Security Disability Insurance
  • ADA – Americans with Disabilities Act
  • IDEA – Individuals with Disabilities Education Act
  • AT – Assistive Technology
  • DSP – Direct Support Professional
  • SLP – Speech-Language Pathologist
  • OTR – Occupational Therapist Registered
  • PTA – Physical Therapist Assistant
  • COTA – Certified Occupational Therapy Assistant
  • RBT – Registered Behavior Technician
  • BCBA – Board Certified Behavior Analyst
  • QIDP – Qualified Intellectual Disabilities Professional
  • IE – Inclusive Education
  • RTI – Response to Intervention
  • MTSS – Multi-Tiered System of Supports
  • PBIS – Positive Behavioral Interventions and Supports
  • SE – Special Education
  • PL – Physical Literacy
  • VI – Visual Impairment
  • HI – Hearing Impairment
  • DA – Developmental Assessment
  • FE – Functional Evaluation
  • PT – Physical Training
  • SLD – Specific Learning Disabilities

Unit 3: Definition, Causes & Preventive measures, Types, Educational Implications, and Management of

  • IDD – Intellectual Developmental Disabilities
  • ASD – Autism Spectrum Disorder
  • BPD – Bipolar Disorder
  • OCD – Obsessive-Compulsive Disorder
  • PTSD – Post-Traumatic Stress Disorder
  • ADHD – Attention Deficit Hyperactivity Disorder
  • LD – Learning Disabilities
  • GAD – Generalized Anxiety Disorder
  • MDD – Major Depressive Disorder
  • SPD – Sensory Processing Disorder
  • TBI – Traumatic Brain Injury
  • PD – Parkinson’s Disease
  • MS – Multiple Sclerosis
  • ALS – Amyotrophic Lateral Sclerosis
  • CP – Cerebral Palsy
  • MD – Muscular Dystrophy
  • DLD – Developmental Language Disorder
  • TS – Turner Syndrome
  • DS – Down Syndrome
  • WC – Wheelchair
  • AAC – Augmentative and Alternative Communication
  • DD – Developmental Delay
  • MT – Music Therapy
  • AAIDD – American Association on Intellectual and Developmental Disabilities
  • DSM – Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders
  • IQ – Intelligence Quotient
  • EQ – Emotional Quotient
  • DLA – Daily Living Activities
  • EEG – Electroencephalogram
  • MRI – Magnetic Resonance Imaging
  • CT – Computed Tomography
  • APA – American Psychological Association
  • SIP – Sensory Integration Program
  • IE – Inclusive Education
  • FBA – Functional Behavioral Assessment
  • BIP – Behavior Intervention Plan
  • ABA – Applied Behavior Analysis
  • EBD – Emotional and Behavioral Disorders
  • EIP – Early Intervention Program
  • IEP – Individualized Education Program
  • MTSS – Multi-Tiered System of Supports
  • SLD – Specific Learning Disability
  • ASD – Autism Spectrum Disorder
  • VI – Visual Impairment
  • HI – Hearing Impairment
  • S/L – Speech/Language
  • MD – Muscular Dystrophy

Unit 4: Early Identification and Intervention

  • ADA: Americans with Disabilities Act
  • ADD: Attention Deficit Disorder
  • ADHD: Attention Deficit Hyperactivity Disorder
  • APD: Auditory Processing Disorder
  • ASD: Autism Spectrum Disorder
  • BIP: Behavior Intervention Plan
  • CAPD: Central Auditory Processing Disorder
  • CBA: Curriculum-Based Assessment
  • CBT: Cognitive Behavioral Therapy
  • CDD: Childhood Disintegrative Disorder
  • CSE: Committee on Special Education
  • DB: Deaf-Blindness
  • DD: Developmental Delay
  • DSM: Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders
  • EBD: Emotional and Behavioral Disorders
  • ECE: Early Childhood Education
  • EI: Early Intervention
  • ELL: English Language Learner
  • EP: Educational Plan
  • FAPE: Free Appropriate Public Education
  • FBA: Functional Behavior Assessment
  • FERPA: Family Educational Rights and Privacy Act
  • FIE: Full Individual Evaluation
  • GE: General Education
  • HI: Hearing Impairment
  • IDEA: Individuals with Disabilities Education Act
  • IEE: Independent Educational Evaluation
  • IEP: Individualized Education Program
  • IFSP: Individualized Family Service Plan
  • IQ: Intelligence Quotient
  • LRE: Least Restrictive Environment
  • MD: Multiple Disabilities
  • NCLB: No Child Left Behind
  • OHI: Other Health Impairment
  • OI: Orthopedic Impairment
  • OT: Occupational Therapy
  • PDD: Pervasive Developmental Disorder
  • PLAAFP: Present Levels of Academic Achievement and Functional Performance
  • PT: Physical Therapy
  • PWN: Prior Written Notice
  • RTI: Response to Intervention
  • SEA: State Education Agency
  • SED: Serious Emotional Disturbance
  • SLD: Specific Learning Disability
  • SLP: Speech-Language Pathologist
  • SPED: Special Education
  • TBI: Traumatic Brain Injury
  • VI: Visual Impairment
  • 504 Plan: Section 504 Plan
  • NEP 2020: National Education Policy 2020

Unit 5: Human Resource in Disability Sector

  • AT: Assistive Technology
  • BCBA: Board Certified Behavior Analyst
  • CPS: Child Protective Services
  • CRP: Certified Rehabilitation Provider
  • CTRS: Certified Therapeutic Recreation Specialist
  • DME: Durable Medical Equipment
  • DSP: Direct Support Professional
  • ECEC: Early Childhood Education and Care
  • FLSA: Fair Labor Standards Act
  • HCBS: Home and Community-Based Services
  • HHS: Health and Human Services
  • HMO: Health Maintenance Organization
  • HR: Human Resources
  • IAES: Interim Alternative Educational Setting
  • IDA: International Disability Alliance
  • IDEIA: Individuals with Disabilities Education Improvement Act
  • IE: Inclusive Education
  • IHP: Individualized Health Plan
  • IRWE: Impairment-Related Work Expense
  • ISLRTC: Indian Sign Language Research and Training Centre
  • JCAHO: Joint Commission on Accreditation of Healthcare Organizations
  • LEA: Local Education Agency
  • LISW: Licensed Independent Social Worker
  • LPN: Licensed Practical Nurse
  • LRE: Least Restrictive Environment
  • MA: Medical Assistance
  • MDGs: Millennium Development Goals
  • MSW: Master of Social Work
  • NCD: National Council on Disability
  • NCLD: National Center for Learning Disabilities
  • NIEPID: National Institute for the Empowerment of Persons with Intellectual Disabilities
  • NIEPMD: National Institute for Empowerment of Persons with Multiple Disabilities
  • NIEPVD: National Institute for the Empowerment of Persons with Visual Disabilities
  • NILD: National Institute for Locomotor Disabilities
  • NIMHR: National Institute for Mental Health Rehabilitation
  • NP: Nurse Practitioner
  • O&M: Orientation and Mobility
  • OHI: Other Health Impairment
  • OT: Occupational Therapist
  • PCA: Personal Care Assistant
  • PDD: Pervasive Developmental Disorder

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BSSTET 2023

बिहार राज्य मे विशेष शिक्षकों की भर्ती करने के लिए बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा ली गई थी। इसे BSSTET के नाम से भी जाना जाता है। 23 और 24 फरवरी को बिहार के मूलनिवासियों समेत देश के कई राज्यों से हजारों की तादाद मे विशेष शिक्षक बनने की योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों ने बिहार मे जाकर यह परीक्षा दी।

पहले इस परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी कर दी गई थी। हाल ही मे बोर्ड द्वारा विशेष शिक्षकों के द्वारा पोर्टल मे अपनी आवेदन संख्या और जन्म दिनांक के द्वारा लॉगिन कर अपना CRR NUMBER डालने की अधिसूचना जारी की गई है। जैसे ही बोर्ड ने उत्तरी कुंजी और यह अधिसूचना जारी की है वैसे हीसभी अभ्यर्थियों को कुछ प्रश्नों का उत्तर जानने की बड़ी उत्सुकता हो रही है। यह प्रश्न निम्न हैं-

  • बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 मे कुल कितने अभ्यर्थी पास हो रहे हैं ?
  • बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 में से बिहार के कुल कितने अभ्यर्थी हैं?
  • बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 में कितने ऐसे अभ्यर्थी शामिल थे जो विशेष शिक्षक नहीं थे?
  • बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 में शामिल कितने अभ्यर्थीयों ने बोर्ड द्वारा जारी दिनांक के बाद RCI मे पंजीकरण करवाया है?
  • बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा (BSSTET) 2023 में कितनी प्रतिस्पर्धा रह सकती है?

आप सभी के इन्ही प्रश्नों का उत्तर देने के लिए मैं गुरविन्द्र पाल शर्मा, THE SPECIAL TEACHER के Youtube, Telegram, Whatsapp Channel और www.thespecialteacher.in वेबसाईट के माध्यम से एक सर्वे कर रहा हूँ। इस सर्वे से हमारे पास उन सभी अभ्यर्थियों की जानकारी एकत्रित हो जाएगी जो जो इस परीक्षा मे शामिल हैं। इसी जानकारी को एक पीडीएफ़ या विडिओ के जरिए आप सभी के साथ शेयर कर दिया जाएगा। इसलिए मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ की आप सभी इस सर्वे मे भाग लें। इस सर्वे मे भाग आप नीचे दिए फॉर्म मे अपनी जानकारी दर्ज कर ले सकते हैं।

मुझे पूरी उम्मीद है की आप जो भी जानकारी इस सर्वे मे दर्ज करेंगे वो बिल्कुल सच होगी।

BSSTET 2023 SCORE

नोट- आप किसी भी सहायता के लिए हमारे नंबर 8824140032 पर मैसेज कर सकते हैं।

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D.ED. IDD NOTES, INTRODUCTION TO DISABILITIES

4.1 Concept, need, importance and domains of early identification and intervention of disabilities and twice exceptional children;

4.2 Organising Cross Disability Early Intervention services;

4.3 Screening and assessments of disabilities and twice exceptional children;

4.4 Role of parents, community, ECEC and other stakeholders in early intervention as per RPD- 2016 and NEP 2020;

4.5 Models of early intervention-(home-based, centre-based, hospital-based, combination) with reference to transition from home to school;

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D.ED. IDD NOTES, INTRODUCTION TO DISABILITIES

3.1 Intellectual Disability;

3.2 Specific Learning Disabilities;

3.3 Autism Spectrum Disorder;

3.4 Mental Illness, Multiple Disabilities;

3.5 Chronic Neurological Conditions and Blood Disorders;

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D.ED. IDD NOTES, INTRODUCTION TO DISABILITIES

2.1 Locomotor Disability-Poliomyelitis, Cerebral Palsy/Muscular Dystrophy;

2.2 Visual Impairment-Blindness and Low Vision;

2.3 Hearing Impairment-Deafness and Hard of Hearing;

2.4 Speech and language Disorder;

2.5 Deaf-blindness and multiple disabilities;

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D.ED. IDD NOTES, INTRODUCTION TO DISABILITIES

1.1 Historical perspectives of Disability – National and International & Models of Disability;

1.2 Concept, Meaning and Definition – Handicap, Impairment, Disability, activity limitation,habilitation
and Rehabilitation;

1.3 Definition, categories (Benchmark Disabilities) & the legal provisions for PWDs in India;

1.4 An overview of Causes, Prevention, prevalence & demographic profile of disability: National and
Global;

1.5 Concept, meaning and importance of Cross Disability Approach and interventions;

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D.ED. IDD NOTES, THERAPEUTICS

1.1 Understanding the Definition, Need, and Importance of Therapies for Children with Developmental Disabilities

Developmental disabilities in children encompass a range of conditions that affect physical, cognitive, social, and emotional growth. These disabilities can include conditions like autism spectrum disorder (ASD), attention deficit hyperactivity disorder (ADHD), cerebral palsy, Down syndrome, and intellectual disabilities, among others. While each child’s experience is unique, therapies play a crucial role in addressing their specific needs, enhancing their quality of life, and promoting their overall development.

Definition of Therapies for Children with Developmental Disabilities:

Therapies for children with developmental disabilities refer to a variety of interventions aimed at addressing the challenges and promoting the development of children facing these conditions. These therapies are designed to target specific areas of difficulty, such as communication, social skills, motor skills, behavior management, and cognitive functioning. They are typically provided by a multidisciplinary team of professionals, including speech therapists, occupational therapists, physical therapists, psychologists, and special educators, among others.

Need for Therapies:

The need for therapies for children with developmental disabilities arises from the significant challenges these children face in various aspects of their lives. These challenges can impact their academic performance, social interactions, independence, and overall well-being. Therapies are essential for addressing these challenges and providing children with the support they need to reach their full potential. Without appropriate interventions, children with developmental disabilities may struggle to communicate effectively, engage in daily activities, build relationships, and achieve academic success.

Importance of Therapies:

Promoting Mental Health: Therapies help promote mental health by addressing issues such as anxiety, depression, and emotional regulation commonly experienced by children with developmental disabilities. Through therapeutic interventions, children learn coping strategies, relaxation techniques, and mindfulness practices to manage their emotions and reduce stress.

Improving Relationships: Therapies focus on improving interpersonal skills and communication, enabling children to form and maintain positive relationships with family members, peers, and caregivers. By learning effective communication techniques and social cues, children can develop meaningful connections and foster healthier relationships.

Personal Development: Therapies support the personal development of children with developmental disabilities by fostering self-awareness, self-confidence, and self-advocacy skills. Through individualized interventions, children are encouraged to explore their strengths, interests, and aspirations, empowering them to pursue their goals and aspirations.

Promoting Coping Skills: Therapies teach children effective coping skills to manage stress, frustration, and challenging situations. By learning problem-solving strategies, emotion regulation techniques, and positive coping mechanisms, children develop resilience and adaptability, enhancing their ability to navigate life’s challenges.

Addressing Specific Concerns: Therapies are tailored to address the specific concerns and needs of children with developmental disabilities, such as sensory sensitivities, communication difficulties, and behavioral challenges. By targeting these concerns directly, therapies provide practical solutions and strategies to help children overcome obstacles and thrive.

Providing Support and Validation: Therapies offer a safe and supportive environment where children can express themselves freely, without fear of judgment or criticism. Therapists provide validation, encouragement, and empathy, helping children feel understood, accepted, and valued.

Changing Unhealthy Patterns: Therapies help children identify and change unhealthy patterns of behavior, thought, and emotion that may contribute to their difficulties. Through cognitive-behavioral techniques, psychoeducation, and behavioral interventions, children learn to replace negative patterns with healthier alternatives, fostering personal growth and well-being.

Promoting Mind-Body Connection: Therapies emphasize the importance of the mind-body connection in promoting overall health and well-being. Through activities such as yoga, mindfulness, and relaxation exercises, children learn to connect with their bodies, reduce tension, and cultivate a sense of inner balance and harmony.

Developing Self-Regulation: Therapies teach children self-regulation skills, including impulse control, attention management, and emotional regulation. By practicing self-monitoring techniques and coping strategies, children learn to regulate their behavior and emotions effectively, enhancing their ability to function adaptively in various situations.

Teaching Executive Functioning: Therapies help children develop executive functioning skills, such as planning, organization, time management, and problem-solving. By learning to break tasks into manageable steps and set goals, children improve their ability to plan, prioritize, and execute tasks independently.

Learning Social Skills and Social Thinking: Therapies focus on teaching children social skills, such as turn-taking, sharing, empathy, and perspective-taking. Through role-playing, social stories, and group activities, children learn to navigate social interactions more effectively and develop a deeper understanding of social cues and norms.

Improving Self-Esteem: Therapies promote self-esteem and self-confidence by celebrating children’s achievements, strengths, and progress. Therapists provide positive reinforcement, encouragement, and praise, helping children develop a positive self-image and sense of self-worth.

Understanding Strengths and Weaknesses: Therapies help children identify and capitalize on their strengths while addressing areas of weakness or challenge. By fostering a strengths-based approach, children develop a sense of competence, resilience, and optimism, enhancing their overall well-being.

Connecting with Emotions: Therapies encourage children to explore and express their emotions in a safe and supportive environment. Through art, play, and storytelling, children learn to identify, label, and regulate their emotions, fostering emotional intelligence and self-awareness.

Providing Parenting Support: Therapies offer valuable support and guidance to parents and caregivers of children with developmental disabilities. Therapists provide education, resources, and practical strategies to help parents better understand their child’s needs, communicate effectively, and promote their child’s development and well-being.

1.2 Behavioural therapy – management of problem behaviours, cognitive behavioural therapy, Positive behavioural intervention supports (PBIS).

1.3 Occupational therapy – definition, aim, scope, and techniques in classroom setting.

1.4 Physiotherapy – definition, aim, scope, and techniques in classroom setting.

1.5 Speech therapy – definition, aim, scope, and techniques in classroom setting.

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